Chief Proctor's Message
मुख्य शास्ता की कलम से . . . . . . . .
मानव जीवन में अनुशासन का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। अनुशासन जहां हमें दूसरों के साथ सामंजस्य करना सिखाता है वहीं जीवन को व्यवस्थित करने और उद्देश्यों की प्राप्ति में भी अनुशासन की भूमिका महत्वपूर्ण है। विद्यार्थियों के लिए तो अनुशासन में रहना और अपने सभी कार्यो को व्यवस्थित रूप से करना और भी ज़्यादा आवश्यक है क्योंकि यही वह मार्ग और तरीक़ा है जो उसे जीवन में सफलता प्राप्त करवाता है। चूँकि विद्यार्थी जीवन में हम जो कुछ भी सीखते है, वह हमारे पूरे जीवन में साथ रहता है।
अनुशासन में छोटों से प्यार, बडों का आदर, अपने शिक्षकों का सम्मान, समय का आदर और सम्मान आदि आते हैं जो हर किसी के जीवन में जरूरी है। खेल में भी अनुशासन महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। एक अनुशासित खिलाडी ही खेल को अच्छी तरह से जीत सकता है। विद्यार्थी को चाहिए कि वह संस्था में रहकर संस्था के बनाए सभी नियमों का पालन करे। शिक्षकों द्वारा पढाए जा रहे सभी पाठों का अध्ययन पूरे मन से करे और विभिन्न शिक्षणेत्तर गतिविधियों में अपनी अभिरुचिऔर योग्यता के अनुसार प्रतिभाग करते हुए अपने व्यक्तित्व का समुचित निर्माण करने का प्रयास करे ताकि भविष्य में एक ज़िम्मेदार नागरिक और श्रेष्ठ मनुष्य के रूप में समाज में अपनी भूमिका का निर्वहन कर सके। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है जो कि समाज में रहता है और उसमें रहने के लिए अनुशासन की आवश्यकता होती है।
यदि कोई व्यक्ति अपने जीवन में अनुशासन से हट जाता है तो वह चरित्रहीन, दुराचारी और निंदनीय हो जाता है और उसका फिर कहीं पर ही सम्मान नहीं होता। वास्तव में अनुशासन से ही हम अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं।
अनुशासन का सिर्फ ये ही मतलब नहीं होता कि काम समय पर पूरे करना, इसका मतलब ये भी होता है कि व्यक्ति उस काम को कितना सही तरीके से करते हैं और उसे कितने मन से करते हैं। हर सफल काम के पीछे उनका अनुशासन ही दिखाई पड़ता हैं। इसलिये छात्राएँ जो भी काम करे पूरे मन और अनुशासन के साथ करें। अनुशासन के महत्व को समझें और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें।
हमारी प्रकृति भी अनुशासन के साथ ही चलती है । दिन-रात सही समय पर होना, सूर्य और चाँद का सही समय पर उदय होकर अस्त होना। ये सभी हमारे जीवन में अनुशासन के महत्व को दर्शाते है।
हमारे पूर्वज समय के पालन को लेकर बहुत ही सजग रहा करते थे। उनका हर काम समय से और अनुशासित ढंग से होता था। आज भी यदि आप सफ़ल लोगों के जीवन के बारे में जानेंगे तो पाएँगे कि वे सभी भी अनुशासन का ही सन्देश देते हैं और उनकी सफलता में भी अनुशासन का ही भूमिका महत्वपूर्ण रही है। युद्ध में भी उसी सेना को विजय प्राप्त होती है जो ज़्यादा अनुशासित होती है। नायक कितना ही बहादुर क्यूँ न हो अनुशासन से विहीन सेना के साथ वह कभी विजयी नहीं हो सकता। वास्तव में हमारे जीवन में अनुशासन का विशेष महत्व होता है। हम बिना अनुशासन के किसी काम में सफ़ल नहीं हो सकते है। इसलिए हमें अपने जीवन में अनुशासन रखना चाहिए और सभी को इसके महत्व के बारे में बताना चाहिए। शहीद मंगल पाण्डे राजकीय स्नातकोत्तर महिला महाविद्यालय, मेरठ के शास्ता मंडल का ये सदैव प्रयास रहता है की वे संस्था में अध्ययनरत सभी छात्राओं को अनुशासन का महत्व सिखाकर उन्हें एक ज़िम्मेदार नागरिक बनने में सहयोग कर सकें।
महाविद्यालय में किसी भी तरह की रैगिंग स्वीकार्य नहीं है। छात्रायें अपनी किसी भी प्रकार की समस्या के संदर्भ में कभी भी निस्संकोच प्राचार्य, मुख्य शास्ता, शास्ता मण्डल के सदस्यों तथा सम्बंधित प्राध्यापकों से सम्पर्क कर सकती हैं। महाविद्यालय में एनसीसी , एनएसएस, रेंजर्स और क्रीड़ा जैसी विविध इकाइयाँ भी छात्राओं में अनुशासन का भाव उत्पन्न कर उनके व्यक्तित्व निर्माण में सहयोग हेतु सदैव सक्रिय रहती हैं। महाविद्यालय में निर्धारित गणवेश और परिचय पत्र धारण करना अनिवार्य है।
महाविद्यालय प्राचार्य का मार्गदर्शन और दिशानिर्देश संस्था में सार्थक अनुशासन के स्थापन में महत्वपूर्ण रहता है।
लेफ़्टि. (डॉ.) लता कुमार
( मुख्य शास्ता )